अपना बना लिया


दो रोज़ जो मिले, अपना बना लिया।

इक पल के साथ को, सपना बना लिया।

कुछ इश्क़ हो गया, कुछ रंजिशें रही।

बाकी जो रह गया, तमन्ना बना लिया।

जिद्दी कहो हमे, या सरफिरा कहो।

हर एक घाव को, गहना बना लिया।

ये क्या अदाएं हैं, ये कैसे हम कहे।

जो बेज़ार था उसे, सजना बना लिया!

इतना मिटा हूँ मैं, तेरी राह में प्रभू।

हर एक साँस को, जपना बना लिया।

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